Budget 2023: नौकरीवालों की इस बार लगेगी लॉटरी! बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन और 80C पर आ रही है बड़ी खुशखबरी
Budget 2023: बजट में क्या होगा? इस बार बजट से नौकरीपेशा को उम्मीदें ज्यादा हैं. होनी भी चाहिए, क्योंकि कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 में देश के आम चुनाव से पहले सरकार टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी राहत दे सकती है.
Budget 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) टैक्सपेयर्स के लिए एक और बड़ा ऐलान कर सकती हैं.
Budget 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) टैक्सपेयर्स के लिए एक और बड़ा ऐलान कर सकती हैं.
Budget 2023: नया साल आने वाला है. नौकरीपेशा लोगों के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण वक्त होता है. नए प्लानिंग शुरू होती है और इंतजार होता है. इन्वेस्टमेंट की शुरुआत का, नई तरीके से बचत का. लेकिन, इन सबके बीच निगाहें टिकी होती हैं बजट (Budget 2023) पर. क्योंकि, हमारी सारी प्लानिंग इससे जुड़ी है. सैलरी से कटने वाला टैक्स कैसे बचेगा, ज्यादा रिटर्न के लिए कौन सी स्कीम में निवेश करें, रिटर्न के साथ-साथ टैक्स बेनिफिट (Tax benefit) पर भी नजर रहती है. बात वही है बजट में क्या होगा? इस बार बजट से नौकरीपेशा को उम्मीदें ज्यादा हैं. होनी भी चाहिए, क्योंकि कयास लगाए जा रहे हैं कि 2024 में देश के आम चुनाव से पहले सरकार टैक्सपेयर्स (Taxpayers) को बड़ी राहत दे सकती है. इसके पीछे ठोस वजह भी है.
वजह नंबर 1- 9 साल से कुछ खास नहीं हुआ
टैक्सपेयर्स को टैक्स के मोर्चे पर पिछले 9 साल में कुछ साल हासिल नहीं हुआ. साल 2014 में सरकार ने टैक्स फ्री इनकम और सेक्शन 80C की लिमिट बढ़ाई थी, लेकिन उसके बाद से ऐसी कोई बड़ी राहत टैक्सपेयर्स को नहीं मिली. आम चुनाव से पहले सरकार टैक्सपेयर्स को खुश कर सकती है. क्योंकि, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट होगा.
वजह नबंर 2- डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन काफी बढ़िया रहा
सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस साल काफी अच्छा रहा है. सरकार की कमाई बढ़ी है. फाइनेंशियल ईयर 2022-23 डायरेक्टर टैक्स कलेक्शन में करीब 26 फीसदी का इजाफा हुआ है. नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में भी करीब 20 फीसदी का उछाल आया है. टीडीएस (TDS) कटौती और कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन (Corporate Tax Collection) के बेहतर प्रदर्शन का इसमें अहम योगदान रहा.
वजह नबंर 3- महंगाई और ग्रोथ के लिए पैसा देना जरूरी
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रूस-यूक्रेन युद्ध से दुनियाभर में महंगाई को भड़काया है. कई देशों में मंदी के संकेत मिले. भारत में महंगाई बढ़ती देखी गई. यही वजह रही कि आरबीआई भी लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है और लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ गया है. वहीं, ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए भी सरकार को आम लोगों के हाथ में पैसा देने की जरूरत है. इसलिए टैक्स के मोर्चे पर राहत देकर सरकार ऐसा कर सकती है. इससे दो फायदे होंगे. लोगों के हाथ में पैसा बचेगा तो निवेश की साइकिल चलेगी. साथ ही सिस्टम में लिक्विडिटी बनी रहेगी. इससे महंगाई पर भी कंट्रोल करने में फायदा होगा. लोगों को भी टैक्स का बोझ कम होने से लोन की EMI को चुकाने में अतिरिक्त मदद मिल सकती है.
अब समझते हैं कि बजट में नौकरीपेशा के लिए क्या राहत मिलने की उम्मीद है
आम बजट 2023 (Budget 2023) की तैयारियां तो शुरू हो चुकी हैं. 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट को टैक्सपेयर्स के लिए अहम माना जा रहा है. नौकरीपेशा के लिए के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन और इनकम टैक्स के सेक्शन 80C में निवेश के तहत छूट की लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, टैक्स फ्री इनकम की लिमिट को भी बढ़ाया जा सकता है. मौजूदा वक्त में ये लिमिट 2.5 लाख रुपए है. इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है. इससे ग्रोथ में कंजम्प्शन को बढ़ावा मिलेगा.
कितनी है लिमिट ये भी समझ लें
मौजदूा नियमों के मुताबिक, नौकरीपेशा के लिए 2.5 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये लिमिट 3 लाख रुपए है. वहीं, सुपर वरिष्ठ नागरिक (80 साल) के लिए ये लिमिट 5 लाख रुपए है. आखिरी बार सरकार ने साल 2014 में पर्सनल टैक्स छूट की सीमा (personal income tax slab) में बदलाव किया गया था. इसे दो लाख रुपए से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया गया था.
स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ सकती है
सूत्रों की मानें तो सरकार टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को बढ़ा सकती है. फिलहाल इसकी लिमिट 50000 रुपए है. इसे बढ़ाया जा सकता है. KPMG ने भी इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपए करने की डिमांड की है. ऐसी स्थिति में सरकार इसे बजट विशलिस्ट में शामिल करके राहत दे सकती है. सूत्रों का मानना है कि बजट में सैलरीड और पेंशनहोल्डर्स के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) की लिमिट को मौजूदा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए कर सकती है.
80C की लिमिट पर भी हो सकता है फैसला
Budget 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) टैक्सपेयर्स के लिए एक और बड़ा ऐलान कर सकती हैं. इनकम टैक्स, 1961 के सेक्शन 80C की डिडक्शन लिमिट को बढ़ाया जा सकता है. मौजूदा लिमिट 1.5 लाख रुपए है. मतलब 1.5 लाख रुपए तक के निवेश पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट क्लेम की जा सकती है. सूत्रों की मानें तो इस बार इसे बढ़ाकर 2.5 लाख रुपए किया जा सकता है.
12:34 PM IST